Chhibramau 25-Sep-2024: अयोध्या में आयोजित राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान समारोह में छिबरामऊ के रहने वाले आचार्य डा. रजनीश दुबे को सम्मानित किया गया। डा. रजनीश दुबे, जो अब तक 57 बार रक्तदान कर चुके हैं, समाज सेवा के क्षेत्र में उनकी अद्वितीय सेवा और योगदान के लिए उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया। श्रीराम कृष्ण सेवा फाउंडेशन और मेजर ध्यानचंद खेल उत्थान समिति द्वारा आयोजित इस समारोह में डा. रजनीश को राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान से नवाज़ा गया, जो उनके समर्पण और सामाजिक कार्यों की प्रशंसा का प्रतीक है।
आयोजन अयोध्या में हुआ, जहाँ देशभर के समाजसेवियों और रक्तदान में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। डा. रजनीश दुबे का नाम समाज सेवा और रक्तदान के लिए राष्ट्रीय अवार्ड के लिए चयनित किया गया था, जो उनके अथक प्रयासों और समाज के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान समारोह में डा. रजनीश को हाकी टीम के पूर्व कप्तान अशोक ध्यानचंद, अयोध्या के महापौर गिरीश पति त्रिपाठी, पूर्व राज्य मंत्री तेज नारायण पांडेय, और सिंगरामऊ जौनपुर की महारानी डा. अंजू सिंह ने सम्मानित किया।
समारोह के दौरान विभिन्न सामाजिक कार्यों में लगे हुए समाजसेवियों और रक्तदान वीरों को भी इस मौके पर सम्मानित किया गया। डा. रजनीश के 57 बार रक्तदान करने के प्रयास को खास तौर पर सराहा गया, क्योंकि रक्तदान एक ऐसी सेवा है जो जरूरतमंद लोगों के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने अपने जीवन को समाज की सेवा के लिए समर्पित कर दिया है और निरंतर रक्तदान कर लोगों की मदद कर रहे हैं। इस सम्मान समारोह में उन्होंने अपनी विनम्रता और समाज के प्रति अपने दायित्व को दोहराया।
सम्मान समारोह से लौटने के बाद छिबरामऊ में उनका स्वागत धूमधाम से किया गया। जब वे वापस लौटे तो तालग्राम रोड स्थित मुन्नी देवी उच्चस्तर माध्यमिक विद्यालय में बच्चों ने पुष्प वर्षा कर उनका अभिनंदन किया। यह दृश्य न सिर्फ डा. रजनीश के लिए बल्कि वहाँ उपस्थित सभी लोगों के लिए एक गर्व का पल था। उनके इस सम्मान को छिबरामऊ के लोग भी अपनी प्रतिष्ठा मानते हैं, और यही वजह है कि उनका स्वागत बड़े उत्साह और उमंग के साथ किया गया।
छिबरामऊ में विधायक अर्चना पांडेय ने डा. रजनीश को इस सम्मान के लिए बधाई दी और उनकी समाज सेवा की सराहना की। उन्होंने कहा कि डा. रजनीश ने समाज के लिए जो योगदान दिया है, वह एक प्रेरणा स्रोत है। इसके अलावा, महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष सुमन पाराशर, गोसेवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत पांडेय, डा. शैलकुमार पाराशर, बबलू दीक्षित, दीपक दुबे और मृत्युंजय मिश्रा जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने भी डा. रजनीश को इस विशेष उपलब्धि के लिए सम्मानित किया।
डा. रजनीश दुबे का कहना है कि समाज सेवा और रक्तदान के प्रति उनकी यह यात्रा अभी समाप्त नहीं हुई है। वे आगे भी इसी तरह से समाज के लिए कार्य करते रहेंगे और लोगों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उनका मानना है कि रक्तदान एक ऐसा पुण्य कार्य है, जो किसी का जीवन बचाने में मददगार हो सकता है। उन्होंने युवाओं से भी अपील की कि वे इस नेक काम में आगे आएं और अधिक से अधिक रक्तदान करें, क्योंकि यह समाज के प्रति हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।
इस अवसर पर डा. रजनीश ने अपने गांव घिलोई खास का भी उल्लेख किया, जहाँ से उन्होंने समाज सेवा की शुरुआत की थी। उन्होंने बताया कि गाँव के लोगों ने हमेशा उनका समर्थन किया है और यह सम्मान केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे गाँव और छिबरामऊ का है।
उनकी इस उपलब्धि से छिबरामऊ के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। समाज सेवा के इस अनुकरणीय कार्य ने न केवल डा. रजनीश को बल्कि छिबरामऊ को भी एक नई पहचान दिलाई है। उनके कार्यों ने यह साबित किया है कि जब कोई व्यक्ति निस्वार्थ भाव से समाज के लिए कार्य करता है, तो उसे सम्मान और प्रशंसा अपने आप मिलती है।
राष्ट्रीय सेवा रत्न सम्मान समारोह में शामिल होना और वहाँ सम्मानित होना एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन डा. रजनीश के लिए असली खुशी तब होती है जब वे अपने रक्तदान और समाज सेवा के कार्यों से किसी की जान बचा पाते हैं।