छिबरामऊ (2 मई 2025) – शनिवार की दोपहर छिबरामऊ में एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जो वर्षों तक लोगों की यादों में ताजा रहेगा। मराठा साम्राज्य की वीरांगना, न्यायप्रिय और जनसेवा की प्रतीक माता अहिल्याबाई होल्कर की शोभायात्रा (Ahilyabai holkar sobha yatra Chhibramau 2025) ने पूरे शहर को भक्ति, गौरव और एकता के रंग में रंग दिया। इस अवसर पर नगर पालिका अध्यक्ष मनोज दुबे और क्षेत्रीय विधायक अर्चना पांडेय की मौजूदगी ने इस ऐतिहासिक पल को और भी खास बना दिया।

✨ कहां से कहां तक निकाली गई शोभायात्रा?
31 मई को दोपहर लगभग 2 बजे यह भव्य शोभायात्रा पूर्वी बायपास से प्रारंभ हुई और पश्चिमी बायपास तक धूमधाम से निकाली गई। पूरे रास्ते में जगह-जगह भक्ति गीत, ढोल-नगाड़ों और पुष्प वर्षा ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
🌸 शोभायात्रा में क्या-क्या था खास?
शोभायात्रा में झांकियां शामिल थीं, जिनमें अहिल्याबाई के जीवन से जुड़ी विभिन्न घटनाओं का चित्रण किया गया। एक झांकी में उन्हें न्याय करते हुए दिखाया गया था, तो दूसरी में वे काशी में मंदिर निर्माण करते हुए। इन झांकियों ने न सिर्फ बच्चों को बल्कि बड़े-बुजुर्गों को भी भावविभोर कर दिया।
🧑💼 नेताओं की मौजूदगी और संदेश
इस शोभायात्रा को और भी गरिमामय बना दिया नगर पालिका अध्यक्ष मनोज दुबे और विधायक अर्चना पांडेय की उपस्थिति ने।
🙏 मनोज दुबे ने क्या कहा?
नगर अध्यक्ष मनोज दुबे ने कहा –
“माता अहिल्याबाई सिर्फ एक रानी नहीं थीं, वे समाज सुधार की प्रतीक थीं। हमें उनके पदचिह्नों पर चलकर समाज को एक नई दिशा देनी चाहिए।”
🗣️ अर्चना पांडेय का भावुक संदेश
विधायक अर्चना पांडेय ने कहा –
“अहिल्याबाई का जीवन हर नारी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। अगर हम हर घर में एक अहिल्याबाई जैसी बेटी को प्रेरित कर सकें, तो समाज में बड़ा बदलाव संभव है।”
📜 अहिल्याबाई होल्कर कौन थीं?
जो लोग नहीं जानते, उनके लिए बता दें कि अहिल्याबाई होल्कर 18वीं सदी की महान महिला शासक थीं। उन्होंने इंदौर पर शासन किया और देशभर में मंदिरों, कुओं, धर्मशालाओं और घाटों का निर्माण करवाया। कहा जाता है कि उन्होंने काशी के विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया जब वह मुगलों द्वारा नष्ट किया गया था।
🧒 बच्चों और युवाओं में दिखा खास उत्साह
एक छात्रा नेहा ने बताया –
“मैंने पहली बार किसी शोभायात्रा में भाग लिया और अहिल्याबाई होल्कर के बारे में बहुत कुछ जाना। अब मैं उनके ऊपर एक निबंध लिखने जा रही हूं।”
🚧 ट्रैफिक प्लानिंग और प्रशासन की तैयारी
इतनी बड़ी शोभायात्रा के बावजूद यातायात कहीं प्रभावित नहीं हुआ। ट्रैफिक पुलिस ने पहले से ही पूरे मार्ग पर बेहतरीन प्लानिंग कर रखी थी। CO साहब ने बताया –
“हमने सुबह 10 बजे से ही डाइवर्जन लागू कर दिया था ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो।”
🧹 सफाई और स्वच्छता का रखा गया विशेष ध्यान
यात्रा के मार्ग पर नगर पालिका की टीम लगातार सफाई कर रही थी। फूलों की पंखुड़ियों और लोगों द्वारा फेंकी गई सामग्रियों को तुरंत हटाया जा रहा था ताकि किसी को असुविधा न हो।
🙌 क्यों था यह आयोजन खास?
आज के समय में जब लोग अपने इतिहास को भूलते जा रहे हैं, इस तरह के आयोजन नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं। एक 70 वर्षीय बुजुर्ग रामकुमार तिवारी ने कहा –
“हमने तो बचपन में अहिल्याबाई का नाम सुना था, लेकिन आज उनके जीवन की झलक देखी। आंखें नम हो गईं।”
📷 सोशल मीडिया पर छा गई शोभायात्रा
शहर के कई लोगों ने शोभायात्रा की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए। हैशटैग #AhilyabaiYatraChhibramau पूरे दिन ट्विटर और इंस्टाग्राम पर ट्रेंड करता रहा। युवाओं ने अपने रील्स और स्टोरीज के जरिए इस भव्यता को घर-घर तक पहुंचाया।
🎤 आयोजन समिति की भूमिका
इस शोभायात्रा को सफल बनाने में अहिल्याबाई सेवा समिति छिबरामऊ की बड़ी भूमिका रही। समिति के संयोजक प्रमोद गुप्ता ने बताया –
“इस यात्रा की तैयारी हम दो महीने से कर रहे थे। हमारा लक्ष्य था कि लोग सिर्फ देखने नहीं आएं, कुछ सीखकर भी जाएं।”
💭 क्या आपने अहिल्याबाई से कुछ सीखा?
यह शोभायात्रा महज एक धार्मिक आयोजन (Ahilyabai holkar sobha yatra Chhibramau 2025) नहीं थी, यह एक संदेश थी –
“किसी भी हालात में न्याय से समझौता न करो, और हमेशा जरूरतमंदों की मदद करो।”
शहर के सामाजिक कार्यकर्ता नरेश चतुर्वेदी कहते हैं –
“अगर हर नेता, हर अधिकारी, हर व्यक्ति अहिल्याबाई जैसी सोच रखने लगे, तो देश को सुधरने में देर नहीं लगेगी।”