Chhibramau 20 December 2024 – छिबरामऊ के नगर क्षेत्र में गुरुवार का दिन किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था। नगरपालिका प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का सख्त फैसला लिया और इसे अमल में लाने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। दुकानदारों के साथ पहले ही बैठकें और चेतावनियां दी जा चुकी थीं, लेकिन जब किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो प्रशासन को सख्त कदम उठाना पड़ा।
सुबह के समय जैसे ही नगरपालिका की दो टीमें एसडीएम उमाकांत तिवारी की अगुवाई में कोतवाली से मुख्य मार्ग की ओर निकलीं, पूरा माहौल बदल गया। जेसीबी मशीन की आवाज सुनते ही दुकानदारों में खलबली मच गई।

अतिक्रमण हटाने की चेतावनी: दुकानदारों ने क्यों नहीं दिया ध्यान?
पालिकाध्यक्ष ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अतिक्रमण हटाना जरूरी है, लेकिन दुकानदारों ने इस पर अमल क्यों नहीं किया? यह सवाल सबके मन में था। एक व्यापारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हमें लगा था कि प्रशासन इसे केवल धमकी देकर छोड़ देगा। हमने नहीं सोचा था कि वे इतनी सख्ती करेंगे।”
पालिका ने करीब एक सप्ताह पहले व्यापारियों के साथ बैठक कर स्पष्ट कर दिया था कि सड़क पर किए गए अवैध निर्माण हटाने होंगे। व्यापारियों ने बैठक में सहमति तो दी थी, लेकिन कार्रवाई के दिन तक किसी ने अपना सामान नहीं हटाया।
जब जेसीबी ने गिराई दुकानों की टीनशेड: हुआ तनावपूर्ण माहौल
एसडीएम उमाकांत तिवारी की टीम जैसे ही नगर के मुख्य मार्ग पर पहुंची, वहां अवैध टीनशेड और पटिये साफ नजर आ रहे थे। बिना समय गंवाए, जेसीबी मशीन ने इन टीनशेडों को हटाना शुरू कर दिया।
इस दौरान कई दुकानदारों और अधिकारियों के बीच तीखी बहस भी हुई। एक स्थान पर एक दुकानदार ने गुस्से में कहा, “हमारे व्यापार को नुकसान होगा, इसका जिम्मेदार कौन होगा?” अधिकारियों ने साफ जवाब दिया, “अतिक्रमण हटाना कानूनी प्रक्रिया है। सभी को अपनी सीमा में रहना चाहिए।”
दुकानदारों का डर: रात में हुई वीडियोग्राफी
दिनभर के अभियान के बाद दुकानदारों ने राहत की सांस ली, लेकिन शाम को फिर से माहौल गरमा गया। पालिका की टीम ने नगर के मुख्य मार्ग की वीडियोग्राफी कराई। जिन दुकानदारों ने फिर से अपनी पटिया और तख्त लगाई थीं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
एक व्यापारी ने बताया, “जैसे ही हमें पता चला कि वीडियोग्राफी हो रही है, हमने तुरंत अपना सामान हटा लिया। अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहते।”
एसडीएम उमाकांत तिवारी की सख्ती: अगले दिन भी चलेगा अभियान
एसडीएम उमाकांत तिवारी ने साफ निर्देश दिए कि अभियान शुक्रवार को भी जारी रहेगा। उन्होंने पालिका कर्मियों को कहा कि वे दोपहर 12 बजे तक पूरी तैयारी के साथ जुटें।
यह सख्ती दिखाती है कि प्रशासन अब किसी भी हालत में अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं करेगा।
नुकसान और सबक: व्यापारियों को क्या समझना चाहिए?
अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई से न केवल व्यापारियों को नुकसान हुआ बल्कि उन्हें एक सख्त सबक भी मिला। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण करना किसी के लिए भी घाटे का सौदा हो सकता है।
पालिका ने यह भी कहा कि सड़कें और सार्वजनिक स्थान सभी के लिए हैं। जब इन्हें अवैध रूप से घेर लिया जाता है, तो यातायात और नागरिकों को परेशानी होती है।
निगम की कार्रवाई से जुड़े कुछ रोचक किस्से
इस अभियान के दौरान कई रोचक घटनाएं भी सामने आईं। एक दुकानदार ने देखा कि जेसीबी उसकी दुकान के पास आ रही है, तो वह घबराकर तुरंत टीनशेड हटाने लगा। लोगों ने मजाक में कहा, “पहले चेतावनी पर ध्यान दे लेते तो ये हालत नहीं होती।”
एक अन्य घटना में, एक बुजुर्ग दुकानदार ने अधिकारियों से विनती की, “बेटा, थोड़ा वक्त दे दो, मैं खुद हटा लूंगा।” लेकिन प्रशासन सख्त था और कहा गया कि अब वक्त निकल चुका है।
अभियान की सफलता और आगे की रणनीति
पालिका प्रशासन का यह अभियान दिखाता है कि अगर सही तरीके से और सख्ती से कार्रवाई की जाए, तो बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। अधिकारियों ने साफ कहा कि आगे भी अतिक्रमण हटाने के लिए ऐसे ही अभियान चलाए जाएंगे।
नगरपालिका ने स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे सार्वजनिक स्थानों का सम्मान करें और अतिक्रमण न करें।
छिबरामऊ का अतिक्रमण हटाओ अभियान उन सभी के लिए एक चेतावनी है, जो अब भी नियमों का पालन नहीं कर रहे। प्रशासन की सख्ती और जनता की जागरूकता से ही नगर को सुचारू और व्यवस्थित बनाया जा सकता है।