10 जनवरी 2025 को छिबरामऊ में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेताओं और सदस्यों ने DVVNL (दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) कार्यालय में एक ज़बरदस्त धरना दिया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य छिबरामऊ बिजली कार्यालय के अधिकारियों पर लगे भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोपों को उजागर करना था।
“बिना अनुमति स्मार्ट मीटर लगाए गए”
धरने में भाग लेने वाले लोगों ने आरोप लगाया कि छिबरामऊ में बिजली विभाग के अधिकारियों ने बिना उपभोक्ताओं की अनुमति के स्मार्ट मीटर लगाए हैं। लोगों का कहना है कि ये स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को धोखा देने और अधिक बिल वसूलने का जरिया बन गए हैं।
एक किसान नेता ने कहा,
“अगर तारों में mSeal लगा हो, फिर भी अधिकारी उपभोक्ता पर बिजली चोरी का आरोप लगाते हैं। आखिर ये सब कब तक चलेगा?”
इंजीनियर अवस्थी पर 20 करोड़ के मकान का आरोप
धरने के दौरान छिबरामऊ बिजली कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी, इंजीनियर अवस्थी, पर भी गंभीर आरोप लगे। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि अवस्थी ने कानपुर में 20 करोड़ रुपये का भव्य मकान बनाया है। सवाल यह उठता है कि सरकारी नौकरी और सीमित वेतन में उन्होंने इतना बड़ा मकान कैसे बनाया?
“बिना रिश्वत कोई काम नहीं होता”
भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि छिबरामऊ बिजली कार्यालय में कोई भी काम बिना रिश्वत दिए पूरा नहीं होता। शिकायतें न सुनने और समस्याओं का समाधान न करने के कारण उपभोक्ताओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
“घंटों इंतजार करते हैं उपभोक्ता”
धरने में यह भी खुलासा हुआ कि बिजली कार्यालय के अधिकारी समय पर ऑफिस नहीं पहुंचते हैं। इस वजह से उपभोक्ताओं को अपने काम के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। SDO (सहायक अभियंता) पर भी आरोप लगाए गए कि वे उपभोक्ताओं की समस्याएं सुनने तक तैयार नहीं होते।
पुलिस स्टेशन का घेराव करने की चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो वे छिबरामऊ थाने का भी घेराव करेंगे। इस घोषणा से छिबरामऊ के प्रशासन में हलचल मच गई है।
असंतोष का कारण: आम जनता की आवाज
धरने में हिस्सा लेने वाले उपभोक्ताओं में से एक ने कहा,
“हम अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। अधिकारियों को यह समझना होगा कि जनता को परेशान करना बंद करें।”
भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी
छिबरामऊ बिजली कार्यालय के इन आरोपों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि उच्च अधिकारी इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
प्रदर्शन का असर
इस धरने के बाद से छिबरामऊ में चर्चा का माहौल गर्म है। प्रशासन पर बढ़ते दबाव ने यह साबित कर दिया है कि जनता अब अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही है।