Chhibramau 16 December 2024: छिबरामऊ का ककरैया मोहल्ला पिछले कई दिनों से गंभीर पानी की समस्या से जूझ रहा है। गर्मी का मौसम हो या बरसात का, पानी हर घर की पहली ज़रूरत है। लेकिन, इस मोहल्ले के निवासियों के लिए पानी मिलना अब एक सपना बन चुका है। हर दिन, जब सूरज निकलता है, तो यहां के लोग पानी के लिए दौड़ते-भागते नज़र आते हैं।

मोहल्ले में रहने वाले रामदीन, कालीचरन, लल्लाबाबू, कल्लू, राजकुमार, रीना, मीना, संतोषी, शिवानी, रेखा, भूरा और जीतू जैसे कई लोगों ने नगर पालिका प्रशासन से बार-बार अपील की है। लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान अभी तक नहीं हुआ।
पानी की किल्लत क्यों है?
आप सोच रहे होंगे कि आखिर ककरैया में पानी की किल्लत क्यों हो रही है? चलिए इसे समझने की कोशिश करते हैं।
- पुरानी पाइपलाइनों की समस्या
यहां की पानी की पाइपलाइनें बहुत पुरानी हो चुकी हैं। कई जगहों पर पाइपलाइन टूटी हुई है, जिससे पानी लीक हो जाता है। और जब तक पानी घरों तक पहुंचता है, तब तक उसका अधिकांश हिस्सा रास्ते में ही खत्म हो जाता है। - सिंचाई और घरेलू पानी की खपत
कुछ लोगों द्वारा घरेलू पानी का उपयोग खेतों की सिंचाई के लिए किया जा रहा है, जिससे और भी अधिक कमी हो रही है। - पालिका प्रशासन की लापरवाही
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार नगर पालिका को समस्या से अवगत कराया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रशासन की अनदेखी के कारण समस्या और गंभीर हो गई है।
पानी की समस्या ने कैसे बदली ज़िंदगियां?
पानी की किल्लत ने यहां के लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह बदलकर रख दिया है। आइए इसे कुछ उदाहरणों से समझते हैं:
- महिलाओं की कठिनाई: रीना और मीना बताती हैं कि सुबह का समय पानी ढूंढने में ही निकल जाता है। नल पर पानी के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती है, और कभी-कभी घंटों इंतजार के बाद भी पानी नहीं मिलता।
- बच्चों की पढ़ाई पर असर: शिवानी और संतोषी कहती हैं कि उनके बच्चे स्कूल जाने के बजाय पानी लाने में मदद करते हैं। इससे उनकी पढ़ाई पर गहरा असर पड़ा है।
- बिज़नेस पर असर: लल्लाबाबू, जो चाय की दुकान चलाते हैं, कहते हैं कि पानी की कमी के कारण उन्हें अपने काम में दिक्कत हो रही है। ग्राहक शिकायत करते हैं कि चाय का स्वाद पहले जैसा नहीं रहा।
लोगों का धैर्य टूट रहा है
मोहल्ले के लोग अब अपने धैर्य की सीमा पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कई बार नगर पालिका के अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन हर बार उन्हें आश्वासन ही मिला।
रामदीन कहते हैं, “हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। हमारे पास अब कोई विकल्प नहीं बचा है।”
समाधान की उम्मीद
इस समस्या से निजात पाने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- नई पाइपलाइनों की स्थापना: प्रशासन को जल्द से जल्द पुरानी पाइपलाइनों को बदलकर नई पाइपलाइनें लगानी चाहिए।
- पानी की टंकी का निर्माण: मोहल्ले में पानी की टंकी बनाकर पानी का भंडारण किया जा सकता है।
- पानी के सही वितरण की योजना: पानी का वितरण सही तरीके से सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस योजना बनाई जानी चाहिए।
क्या ककरैया के लोग राहत की सांस लेंगे?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ककरैया के लोग इस समस्या से कभी मुक्त हो पाएंगे? क्या प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेगा? या फिर यह मुद्दा यूं ही चलता रहेगा?
यदि प्रशासन तुरंत कदम उठाता है, तो यह समस्या कुछ ही दिनों में हल हो सकती है। लेकिन यदि लापरवाही जारी रही, तो ककरैया के लोग मजबूर होकर धरना-प्रदर्शन का रास्ता अपनाने पर मजबूर हो सकते हैं।
पानी जैसी बुनियादी सुविधा का अभाव किसी भी समुदाय के लिए बहुत बड़ी समस्या है। छिबरामऊ के ककरैया मोहल्ले के लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं और अब प्रशासन की ओर देख रहे हैं।
आखिर कब तक यह समस्या बनी रहेगी? क्या नगर पालिका प्रशासन इस पर ध्यान देगा? या फिर यह एक और उदाहरण बन जाएगा कि कैसे छोटी-छोटी समस्याएं अनदेखी के कारण बड़ी बन जाती हैं?
पानी जीवन है, और इसका महत्व तभी समझ आता है जब यह हमारी पहुंच से दूर हो। ककरैया के लोगों की यह कहानी हमें यह सिखाती है कि बुनियादी जरूरतों की पूर्ति हर नागरिक का अधिकार है।