छिबरामऊ के प्राइवेट स्कूलों ने बदले समय सुबह 7 बजे शुरू होंगी कक्षाएं

छिबरामऊ, 22 अप्रैल 2025— गर्मी का मौसम अभी पूरी तरह से आया भी नहीं है और सूरज का कहर अब से ही महसूस होने लगा है। हर दिन पारा चढ़ता जा रहा है और ऐसे में स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों से लेकर बड़े छात्रों तक, सभी को गर्मी की तपिश झेलनी पड़ रही है। इसी को देखते हुए छिबरामऊ के कई नामी प्राइवेट स्कूलों ने अपना टाइम टेबल बदल दिया है (chhibramau ke private schools ne badla timetable)।

chhibramau ke private schools ne badla timetable garmi mein
chhibramau ke private schools ne badla timetable garmi mein

अब सवाल ये उठता है — क्या ये फैसला सही है? इससे छात्रों और उनके परिवारों पर क्या असर पड़ेगा? आइए आपको इस खबर की पूरी सच्चाई दिलचस्प अंदाज में बताते हैं।

🌞 गर्मी बढ़ी, स्कूलों ने लिया बड़ा फैसला

20 अप्रैल से छिबरामऊ के कुछ बड़े और नामचीन प्राइवेट स्कूलों ने अपने स्कूल टाइम में बदलाव किया है। St. Mariya Public School, Dayal Public School, और CCA Chhibramau जैसे स्कूलों ने गर्मी के मद्देनज़र बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए सुबह का समय निर्धारित कर दिया है।

पहले समय था: सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक।
अब समय है: सुबह 7 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक।

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ये नया टाइम टेबल PG से लेकर Class 12 तक के सभी छात्रों पर लागू किया गया है। यानी अब बच्चों को सुबह और भी जल्दी उठकर स्कूल जाना होगा (chhibramau ke private schools ne badla timetable garmi mein), लेकिन दोपहर की तेज़ धूप से वो बच सकेंगे।

🔥 तेज़ होती गर्मी और बच्चों की तकलीफ

आपने भी महसूस किया होगा कि अप्रैल के महीने में ही लू चलने लगी है। दोपहर में बाहर निकलना किसी सज़ा से कम नहीं लगता। ऐसे में छोटे बच्चे जब दोपहर 1 बजे स्कूल से निकलते हैं, तो धूप और गर्म हवा उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है।

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पिछले साल की एक घटना आपको याद होगी— छिबरामऊ के पास के एक गांव में एक बच्चे को दोपहर में स्कूल से लौटते वक़्त चक्कर आ गया था। बाद में पता चला कि वो गर्मी और डीहाइड्रेशन का शिकार हो गया था। स्कूल समय अगर थोड़ा पहले होता, तो शायद ये हादसा टल सकता था।

इन स्कूलों के प्रशासन से बात करने पर पता चला कि ये फैसला बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। स्कूल प्रबंधनों का कहना है कि—

“हमारे लिए बच्चों की पढ़ाई से ज़्यादा ज़रूरी उनकी सेहत है। गर्मी में बच्चों का ध्यान पढ़ाई में भी नहीं लगता और दोपहर की तेज़ धूप उनकी तबीयत बिगाड़ सकती है। इसलिए हमने समय को सुबह के लिए शिफ्ट कर दिया है।”

इस तरह का फैसला हर साल गर्मियों की शुरुआत में लिया जाता है, और जब ठंड का मौसम वापस लौटेगा, तब समय फिर से पहले जैसा कर दिया जाएगा।

⏰ नया समय: फायदे और नुकसान

जहां कुछ माता-पिता इस फैसले से खुश हैं, वहीं कुछ को सुबह-सुबह बच्चों को तैयार करना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। आइए इस बदलाव के कुछ फायदे और नुकसान पर भी नज़र डालें।

✔️ फायदे:

  • बच्चे दोपहर की लू से बचेंगे

  • जल्दी शुरू होने से दिन का बाकी समय पढ़ाई या आराम में बिताया जा सकता है।

  • सुबह के समय मन शांत और एकाग्र होता है, जिससे पढ़ाई में ध्यान लगाना आसान होता है।

❌ नुकसान:

  • छोटे बच्चों के लिए सुबह जल्दी उठना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

  • कुछ माता-पिता जो नौकरी करते हैं, उनके लिए समय का तालमेल बैठाना चुनौती बन सकता है।

  • गर्मियों की छुट्टियों से पहले ये बदलाव, कुछ बच्चों को परेशान कर सकता है।

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🧒 बच्चों पर इसका क्या असर होगा?

बच्चों का जीवन पहले ही पढ़ाई और होमवर्क के बोझ से भरा होता है। ऐसे में समय बदलना उनके रूटीन को भी प्रभावित करता है। लेकिन जब बदलाव सकारात्मक दिशा में हो, तो उसका असर भी अच्छा ही होता है।

एक Class 6 की छात्रा रिद्धिमा, जो St. Mariya Public School में पढ़ती है, ने बताया—

“पहले जब स्कूल से घर आती थी तो बहुत गर्मी लगती थी और थक भी जाती थी। अब थोड़ा जल्दी जाना पड़ेगा, लेकिन दोपहर में आराम मिलेगा।”

ऐसे ही Dayal Public School के एक शिक्षक ने बताया कि—

“सुबह-सुबह बच्चे ज़्यादा एक्टिव रहते हैं। क्लास में जवाब भी सही देते हैं और पढ़ाई में मन भी लगता है।”

🏫 क्या सभी स्कूलों को ऐसा करना चाहिए?

अब सवाल ये है कि क्या छिबरामऊ के बाकी स्कूलों को भी यही कदम उठाना चाहिए? इसका जवाब सीधा है— अगर मौसम की स्थिति और गर्मी ऐसे ही बढ़ती रही, तो हां।

हर स्कूल को अपने छात्रों की सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए। स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है, लेकिन उसमें पढ़ने वाले बच्चे सबसे पहले आते हैं

छिबरामऊ के St. Mariya, Dayal Public और CCA स्कूलों ने बच्चों की सुरक्षा और सेहत को ध्यान में रखते हुए जो फैसला लिया है, वो न सिर्फ काबिल-ए-तारीफ है, बल्कि एक उदाहरण भी है। उम्मीद है कि दूसरे स्कूल भी इससे प्रेरणा लेंगे।

तो अगली बार जब आप अपने बच्चे को सुबह जल्दी उठते देखें, तो उसे सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं, बल्कि उसकी सेहत और सुरक्षा के लिए ऐसा करते देखें।


📌 अगर आपको ये खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे ज़रूर शेयर करें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं। क्या आपके बच्चे के स्कूल ने समय बदला है? आप इस बदलाव से कितने संतुष्ट हैं?

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