नगर पालिका की नालियों की सफाई पर उठे सवाल

छिबरामऊ, 28 अप्रैल 2025 — छिबरामऊ नगर में आज नगर पालिका द्वारा नालियों की सफाई कराई गई। पहली नजर में सब कुछ सामान्य लगा, लेकिन जब लोगों ने ध्यान दिया, तो एक नई कहानी सामने आई, जो हैरान कर देने वाली थी (chhibramau nagar palika naali safai jalbharav samasya 2025)। कुछ लोगों का कहना है कि सफाई केवल दिखावे की गई है और असली समस्या को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है।

chhibramau nagar palika naali safai jalbharav samasya 2025
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नगर पालिका ने शुरू की सफाई की मुहिम

गर्मी के बाद जैसे ही बरसात का मौसम पास आता है, नगर पालिका हर साल की तरह नालियों की सफाई शुरू कर देती है। इस बार भी सफाई का काम बड़े जोरशोर से शुरू हुआ। नगर के कई मुख्य इलाकों में सफाईकर्मियों को नालियों की गंदगी निकालते हुए देखा गया। सफाई को लेकर अधिकारियों ने दावा किया कि बरसात से पहले सारा काम पूरा कर लिया जाएगा ताकि जलभराव की समस्या ना हो।

लेकिन, क्या वाकई ऐसा हो रहा है? जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी कहती है।

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जनता का आरोप: आधी-अधूरी सफाई

स्थानीय निवासियों का कहना है कि सफाई के नाम पर सिर्फ उन नालियों की सफाई की जा रही है जो खुली हुई हैं। जहां नालियों के ऊपर सीमेंट की पटिया रखी हुई है, वहाँ सफाई कर्मी या तो काम नहीं कर रहे या फिर बस ऊपरी सतह को ही थोड़ा बहुत छूकर निकल जा रहे हैं।

रामभरोसे यादव, जो कि छिबरामऊ में रहते हैं, ने बताया,
“हर साल यही हाल होता है। नगर पालिका वाले बस दिखावे की सफाई करते हैं। जहां नाली खुली है, वहीं से थोड़ा बहुत गंद निकाल देते हैं। लेकिन जहाँ नाली ढकी है, वहाँ कोई हाथ तक नहीं लगाता। नतीजा यह होता है कि पहली बारिश में ही पानी गली में भर जाता है।”

ढकी हुई नालियाँ बनीं मुसीबत

छिबरामऊ की कई गलियों में नालियों पर पटिया रखी गई है ताकि सड़क पर चलने में आसानी हो। लेकिन इसी सुविधा ने अब समस्या का रूप ले लिया है। क्योंकि पटिया हटाकर नाली साफ करना मेहनत का काम है, इसलिए सफाईकर्मी उन हिस्सों को छोड़ देते हैं। नतीजतन, गंदगी वहीं जमी रह जाती है और बारिश में पानी का बहाव रुक जाता है।

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अधिकारी क्या कहते हैं?

जब इस मुद्दे पर नगर पालिका के एक अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा,
“हमारी टीमें पूरी मेहनत से काम कर रही हैं। जहाँ संभव है, वहाँ पटिया हटाकर भी सफाई की जा रही है। लेकिन कुछ स्थानों पर पटिया काफी भारी हैं या जर्जर हो चुकी हैं, जिन्हें हटाना जोखिम भरा है। हम जल्दी ही विशेष टीम बनाकर इन नालियों की भी सफाई कराएंगे।”

लेकिन सवाल यह है कि बरसात सिर पर है और अगर समय पर सफाई नहीं हुई तो फिर वही जलभराव, वही परेशानी और वही हादसे दोहराए जाएंगे।

जनता की मांग: पूरी और सच्ची सफाई

स्थानीय लोगों की साफ मांग है कि केवल दिखावे के लिए नहीं, बल्कि असली और पूरी सफाई की जाए। सभी नालियों — चाहे वे खुली हों या ढकी — की सफाई सुनिश्चित की जाए ताकि बरसात में पानी सड़कों पर न आए।

सीमा दीक्षित, एक स्कूल टीचर, ने कहा,
“जब हम अपने घर की सफाई करते हैं तो छुपे हुए कोने भी साफ करते हैं। वैसे ही नगर पालिका को भी हर हिस्से की सफाई करनी चाहिए। सिर्फ आँखों को दिखाने के लिए सफाई करने से शहर नहीं सुधरेगा।”

क्या होगा अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ?

अगर इस बार भी समय रहते पूरी सफाई नहीं हुई तो:

  • गलियों में पानी भरने से आम लोगों की आवाजाही मुश्किल होगी।

  • दुकानदारों का कारोबार प्रभावित होगा क्योंकि ग्राहक नहीं पहुँच पाएंगे।

  • गंदे पानी से मच्छर पनपेंगे, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा।

  • बच्चों और बुजुर्गों के लिए सड़कें खतरनाक बन जाएंगी।

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एक छोटी सी लापरवाही पूरे शहर के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती है।

समाधान क्या है?

अगर नगर पालिका सच में इस बार फर्क दिखाना चाहती है, तो कुछ ठोस कदम उठाने होंगे:

  • हर नाली, चाहे वह खुली हो या ढकी, की पूरी सफाई की जाए।

  • जहाँ पटिया भारी हैं, वहाँ मशीनरी या अतिरिक्त मजदूरों की मदद ली जाए।

  • सफाई के बाद फोटोग्राफ और वीडियो दस्तावेज तैयार किए जाएँ ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

  • सफाई अभियान के दौरान आम जनता को भी शामिल किया जाए, ताकि काम की गुणवत्ता पर निगरानी बनी रहे।

सुधार की उम्मीद है, लेकिन नजर रखनी होगी

छिबरामऊ के लोग अब जागरूक हो चुके हैं। सोशल मीडिया से लेकर मोहल्ला मीटिंग तक (chhibramau nagar palika naali safai jalbharav samasya 2025), हर जगह इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार नगर पालिका सिर्फ खानापूर्ति नहीं करेगी, बल्कि असली सफाई करेगी।

लेकिन क्या वाकई इस बार फर्क आएगा या फिर हर साल की तरह एक और ‘बरसात में डूबता छिबरामऊ’ देखने को मिलेगा?
इस सवाल का जवाब तो आने वाली पहली बारिश ही देगी।

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