Chhibramau 3-May-2025: छिबरामऊ में 2 मई 2025 को नगर पालिका के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सफाईकर्मी के साथ की गई बेरहम मारपीट (chhibramau safai karamchari ki pitai) के विरोध में सफाईकर्मी सड़क पर उतर आए। प्रदर्शनकारी हाथों में झाड़ू लेकर नगर पालिका कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए और आरोपी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

क्या है मामला
सूत्रों के अनुसार, नगर पालिका के परिसर में एक उच्च अधिकारी ने सफाईकर्मी रामविलास (**बदला हुआ नाम**) के साथ कथित रूप से मारपीट की। घटना में रामविलास को गंभीर चोटें आईं, जिन्हें तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह इस समय इलाजरत हैं और मानसिक रूप से गहरे सदमे में हैं।
पीड़ित कर्मचारी रामविलास छिबरामऊ नगर पालिका में पिछले 12 वर्षों से कार्यरत हैं और उनकी छवि एक अनुशासित और मेहनती कर्मचारी की रही है।
प्रदर्शनकारियों के आरोप — पुलिस दबाव में
प्रदर्शन कर रहे सफाईकर्मियों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस प्रशासन आरोपी अधिकारी को बचाने का प्रयास कर रहा है। उनका कहना है कि आरोपी के प्रभाव के चलते अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, ना ही उसकी गिरफ्तारी की गई है।
सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष ने कहा:
“अगर यही घटना किसी अधिकारी के साथ होती तो अब तक आधे दर्जन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी होती। क्या हम इंसान नहीं हैं?”
घायल कर्मी की पत्नी ने सुनाई पीड़ा
रामविलास की पत्नी ने रोते हुए कहा कि घटना के बाद से न तो कोई अधिकारी मिलने आया और न ही पुलिस ने उनकी बात सुनी। उन्होंने कहा:
“मेरे पति सिर्फ अपना काम कर रहे थे, उन्हें किस बात की सज़ा मिली?”
उनका कहना है कि परिवार का पूरा खर्चा रामविलास के भरोसे चलता है, और अब उनकी हालत नाजुक है।
काम ठप, गंदगी का अंबार
प्रदर्शन के दौरान सफाईकर्मियों ने संपूर्ण कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है। इसके चलते छिबरामऊ नगर क्षेत्र में जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए हैं और नालियों की सफाई रुक गई है। शहर में दुर्गंध और गंदगी से आम जनता परेशान है।
स्थानीय दुकानदारों और निवासियों ने भी प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की है, लेकिन वे सफाईकर्मियों की मांगों के समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया—’जांच जारी है’
इस मामले में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी Sunil Kumar से जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा:
“घटना की पूरी जांच कराई जा रही है, सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की जाएगी।”
हालांकि, अभी तक किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने पीड़ित कर्मी के परिजनों से सीधे संपर्क नहीं किया है, जिससे प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और बढ़ता जा रहा है।
क्या होगा अगला कदम?
प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि:
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आरोपी अधिकारी को तुरंत निलंबित किया जाए।
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एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए।
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पीड़ित कर्मचारी के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए।
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भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए जाएं।
यदि इन मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो सफाईकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।
छिबरामऊ की यह घटना साफ दर्शाती है कि नीचले स्तर पर काम कर रहे कर्मचारियों की आवाज़ें आज भी अनसुनी की जाती हैं। अगर कोई अधिकारी (chhibramau safai karamchari ki pitai) इस तरह से खुलेआम एक कर्मचारी को पीटता है और फिर भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तो यह प्रशासनिक तंत्र की विफलता का सीधा प्रमाण है।
प्रशासन को जल्द से जल्द न्यायिक प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए, वरना यह मामला पूरे प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन बन सकता है।ल के ज़रिए जरूर बताएं।