Chhibramau में Monkeypox का कहर

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Monkey pox chhibramau kannauj

छिबरामऊ (Chhibramau) 27 August 2024 -जिला कन्नौज (District Kannauj Chhibramau news) में Monkeypox का कहर तेजी से फैल रहा है। खासकर बच्चों में इस बीमारी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जिससे लोगों में चिंता की लहर दौड़ गई है। छिबरामऊ के कई हिस्सों में बच्चे इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है।

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Monkeypox क्या है?

Monkeypox एक वायरल बीमारी है जो वायरस के कारण होती है। यह एक दुर्लभ बीमारी है, लेकिन हाल के दिनों में इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह बीमारी चेचक (Smallpox) से मिलती-जुलती है, लेकिन इससे कम घातक होती है। यह मुख्य रूप से अफ्रीका के मध्य और पश्चिमी भागों में पाई जाती थी, लेकिन अब दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसके मामले देखने को मिल रहे हैं।

Monkeypox कैसे फैलता है?

यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने से फैलती है। संक्रमित व्यक्ति की त्वचा, श्वसन तंत्र, या शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से यह वायरस फैल सकता है। इसके अलावा, संक्रमित जानवर के काटने या उसके मांस के सेवन से भी यह वायरस फैल सकता है।

Monkeypox के लक्षण

  • बुखार
  • सिर दर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • थकान
  • त्वचा पर दाने और फफोले (मुख्य रूप से चेहरे, हाथों और पैरों पर)
  • सूजन
  • लिम्फ नोड्स में सूजन

लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 6 से 13 दिनों बाद दिखाई देते हैं, लेकिन कभी-कभी यह समय 21 दिनों तक भी हो सकता है। दाने पहले चेहरे पर होते हैं और फिर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं।

Monkeypox से बचाव के उपाय

  1. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें: संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें और उनके साथ वस्त्र, बिस्तर या अन्य सामान साझा न करें।
  2. साफ-सफाई का ध्यान रखें: हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  3. जानवरों से सावधानी बरतें: जानवरों के संपर्क में आने से बचें, खासकर जो बीमार या मरे हुए हों।
  4. टीकाकरण: अगर संभव हो, तो Smallpox का टीका लगवाएं, क्योंकि यह Monkeypox से भी कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करता है।
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Monkeypox का उपचार

Monkeypox के लिए अभी तक कोई विशेष इलाज नहीं है। यह एक स्व-सीमित बीमारी है, जो आमतौर पर कुछ हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाती है। हालांकि, कुछ मामलों में एंटीवायरल दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है। मरीजों को लक्षणों के अनुसार उपचार दिया जाता है, जैसे बुखार के लिए बुखार कम करने वाली दवाइयाँ और त्वचा के घावों के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग।

छिबरामऊ में बढ़ते मामलों को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें। खासकर बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें और उन्हें संक्रमण से बचाने के सभी आवश्यक कदम उठाएं।

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