Kannauj 13-August-2024: समाजवादी पार्टी (सपा Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी और पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव (Block Pramukh Nawab singh yadav kannauj) को पुलिस ने सोमवार को एक किशोरी से छेड़खानी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट से जेल जाते समय नवाब सिंह यादव ने मीडिया से बातचीत में इस घटना को एक बड़ी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि पुलिस और पूंजीपतियों ने मिलकर उन्हें फंसाने के लिए साजिश रची है, और जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी।
घटना की पृष्ठभूमि में यह बताया गया है कि किशोरी, जो एक कॉलेज में नौकरी मांगने के लिए अपनी बुआ के साथ आई थी, ने रविवार देर रात पुलिस को 112 नंबर पर कॉल किया था। पुलिस ने नवाब सिंह यादव को चंदन महाविद्यालय में आपत्तिजनक स्थिति में पाया और उन्हें हिरासत में ले लिया। सोमवार को उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
समाजवादी पार्टी ने नवाब सिंह यादव से खुद को दूर कर लिया और कहा कि वह कभी भी पार्टी के प्राथमिक या सक्रिय सदस्य नहीं थे। पार्टी ने पांच साल पहले से ही नवाब सिंह यादव पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था।
इस घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समाजवादी पार्टी को निशाने पर लिया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह घटना इंडी गठबंधन की अपराध को संरक्षण देने की प्रवृत्ति का एक और उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी समाजवादी पार्टी के एक नेता पर नाबालिग के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था, और अब एक और नेता पर नाबालिग से छेड़खानी का आरोप लगा है। सुधांशु त्रिवेदी ने समाजवादी पार्टी पर अपराधियों को समर्थन देने का आरोप लगाया और कहा कि सपा की इस प्रवृत्ति ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों की हिम्मत और बढ़ा दी है।
भाजपा प्रवक्ता ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक अपराध की बात नहीं है, बल्कि अपराध के प्रति संवेदनहीनता और राजनीतिक संरक्षण का मामला है। उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ जुड़ने वाले लोग गलती नहीं, बल्कि अपराध कर रहे हैं, और यह स्थिति तब से बढ़ी है जब से अखिलेश यादव और अन्य नेताओं की ताकत बढ़ी है।
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मामले में बयान बदल रही बुआ को सह-आरोपी बनाए जाने की तैयारी
इस मामले में एक और चौंकाने वाला पहलू सामने आया है। पीड़िता की बुआ, जो पहले नवाब सिंह यादव के खिलाफ गवाही दे रही थी, ने अचानक से अपने बयान बदलने शुरू कर दिए हैं। पुलिस को शक है कि बुआ पर दबाव डाला गया हो सकता है या फिर उसे लालच दिया गया हो। अब पुलिस और जांच एजेंसियां बुआ को भी सह-आरोपी बनाने पर विचार कर रही हैं, क्योंकि बयान बदलने से जांच पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और न्याय की प्रक्रिया में बाधा आ सकती है।
समाज में आक्रोश और जांच की मांग
इस मामले ने कन्नौज जिले में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और नवाब सिंह यादव के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जनता का कहना है कि अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।