Chhibramau 19-April-2025: कन्नौज जिले के छिबरामऊ कस्बे के पास स्थित सरायदयंमगंज गांव में बीते दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। गांव की गलियों में अब भी सन्नाटा पसरा है, लोग एक-दूसरे से सवाल कर रहे हैं – “आखिर ऐसा क्यों हुआ?”

ये कहानी है एक ऐसे शख्स की, जो अपनी पत्नी के जाने के ग़म को झेल नहीं पाया और दुनिया को अलविदा कह गया।
पत्नी के जाने का सदमा – और टूट गया रिश्ता जिंदगी से
घटना के अनुसार, गांव के निवासी एक युवक की कुछ दिनों पहले अपनी पत्नी से अनबन हो गई थी। बात इतनी बढ़ गई कि पत्नी गुस्से में मायके चली गई। शुरू में सबने सोचा कि ये रोज़ की तरह मामूली झगड़ा होगा, कुछ दिन में सब ठीक हो जाएगा। लेकिन पति के मन में कुछ और ही चल रहा था।
उसने बार-बार पत्नी से संपर्क करने की कोशिश की, सुलह की गुहार भी लगाई, लेकिन जब उधर से कोई जवाब नहीं आया, तो उसका दिल टूट गया। गांव वालों का कहना है कि वह पिछले कुछ दिनों से बेहद शांत और गुमसुम रहने लगा था। किसी से ठीक से बात नहीं करता, न खाना खाता और न ही बाहर निकलता।
घटना की रात – वो आखिरी शाम
घटना वाली शाम भी कुछ खास नहीं थी। लोग अपने-अपने काम में लगे थे। लेकिन जब सुबह हुई, तो गांव के एक बच्चे ने सबसे पहले वह मंजर देखा जिसे वह कभी भूल नहीं पाएगा। एक आम पेड़ के नीचे उस व्यक्ति का शव फंदे से लटका हुआ मिला।
बच्चे की चीख सुनते ही लोग इकट्ठा हो गए। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसा भी हो सकता है।
पुलिस की एंट्री – जांच शुरू
गांव वालों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। छिबरामऊ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या माना है, लेकिन कारणों की जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने मृतक का मोबाइल जब्त कर लिया है, जिससे कुछ सुराग मिलने की उम्मीद है। वहीं पत्नी और ससुराल वालों से भी पूछताछ की जा रही है।
😢 गांव में मातम – हर चेहरा उदास
गांव के लोग अभी तक इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं। पड़ोसी रमेश यादव बताते हैं, “हमने तो कभी नहीं सोचा था कि वो ऐसा कदम उठा लेगा। बहुत सीधा-सादा इंसान था। लेकिन अंदर से कितना टूटा हुआ था, हम समझ नहीं पाए।”
यह कहानी बताती है कि इंसान के मन में क्या चल रहा है, यह जानना बहुत मुश्किल है। अक्सर जो बाहर से शांत दिखते हैं, अंदर से सबसे ज्यादा टूटे होते हैं।
📚 सच्ची घटनाएं और टूटते रिश्ते – अकेलापन बनता है ज़हर
ऐसी घटनाएं सिर्फ एक गांव तक सीमित नहीं हैं। देशभर में आए दिन ऐसी खबरें सामने आती हैं जहां रिश्तों में खटास या बिछड़ने का ग़म इतना भारी पड़ता है कि लोग ज़िंदगी को खत्म करने तक का फैसला कर लेते हैं।
साल 2023 में NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आत्महत्या के मामलों में एक बड़ा प्रतिशत प्रेम संबंध, पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव से जुड़ा होता है।
💡 क्या कर सकते थे हम? – समाज की ज़िम्मेदारी
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या हम समय रहते उस व्यक्ति की मदद कर सकते थे? क्या हम समझ पाते कि वो किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा है?
यह जरूरी है कि हम अपने आस-पास के लोगों की मानसिक स्थिति पर ध्यान दें। अगर कोई अकेला, उदास या गुमसुम दिखे, तो उसके पास बैठें, बात करें। कई बार एक छोटा सा साथ एक बड़ी त्रासदी को रोक सकता है।
ये सिर्फ एक खबर नहीं, एक सबक है
सरायदयंमगंज गांव की ये घटना सिर्फ एक दुखद हादसा नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है। जब रिश्तों में दरार आए, जब कोई दूर चला जाए, तो जरूरी नहीं कि ज़िंदगी वहीं खत्म हो जाए। हर परिस्थिति से निकलने का रास्ता होता है, बस ज़रूरत है किसी के साथ और सहारे की।