Farrukhabad 10 April 2025: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। यहाँ एक पति ने न केवल अपनी पत्नी को उसके प्रेमी के साथ मिलने की इजाजत दी, बल्कि बाकायदा दोनों की शादी भी कराई। इस पूरी घटना में सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि शादी के वक्त दोनों पक्षों के माता-पिता भी मौजूद थे।

आइए जानते हैं इस अनोखी और भावनाओं से भरी कहानी को विस्तार से, एक-एक परत को खोलते हुए।
शादी हुई थी 2023 में, लेकिन रिश्तों में आई दरार
यह पूरी घटना कायमगंज के कपटी थाना क्षेत्र के सिकंदरपुर गांव की है। यहाँ के निवासी यदराम की बेटी वैष्णवी की शादी वर्ष 2023 में पत्यानी थाना क्षेत्र के रहने वाले भंवर सिंह के पुत्र राहुल के साथ बड़े धूमधाम से हुई थी।
शुरुआत में सब कुछ सामान्य लग रहा था। गांव वाले (pati ne karai patni ki shadi farrukhabad mein), रिश्तेदार और परिवार दोनों तरफ से खुश थे। लेकिन समय के साथ पति-पत्नी के बीच अनबन शुरू हो गई। छोटी-छोटी बातों पर तकरार बढ़ने लगी और धीरे-धीरे बात इतनी बिगड़ गई कि वैष्णवी ज़्यादातर समय अपने मायके में ही रहने लगी।
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इस बीच वैष्णवी को हो गया प्यार… गांव के ही मनोज से
इसी बीच, जब वैष्णवी अपने मायके में रह रही थी, तो उसकी मुलाकात गांव के ही एक युवक मनोज से हुई। मुलाकातों का सिलसिला बढ़ा और फिर दोनों के बीच नजदीकियाँ बढ़ती गईं। धीरे-धीरे ये रिश्ता एक प्रेम संबंध में बदल गया।
गांव में लोगों की कानाफूसी शुरू हो गई। एक शादीशुदा लड़की का किसी और से प्रेम संबंध होना, गांव की सोच के हिसाब से बहुत बड़ी बात मानी जाती है। लेकिन वैष्णवी को अब इस रिश्ते की परवाह कम और अपने मनोज के साथ ज़िंदगी बिताने की चाहत ज्यादा होने लगी थी।
राहुल ने की पत्नी को मनाने की कोशिश, लेकिन…
इधर राहुल, जो पहले से ही परेशान था कि उसकी पत्नी उसके साथ क्यों नहीं रह रही, उसने कई बार वैष्णवी को बुलाने की कोशिश की। उसने फोन किया, रिश्तेदारों को भेजा, यहां तक कि खुद भी उसके मायके गया। लेकिन हर बार उसे एक ही जवाब मिला – “मैं तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहती।”
राहुल को कुछ समय तक तो यह बात समझ नहीं आई, लेकिन फिर जब उसे मनोज और वैष्णवी के रिश्ते के बारे में पता चला, तो उसने एक ऐसा कदम उठाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी।
जब पति ने खुद पत्नी की शादी कराई उसके प्रेमी से
अब कहानी में आता है वो मोड़ जो इसे एक आम घरेलू झगड़े से हटाकर, एक अनोखे और चौंकाने वाले निर्णय की मिसाल बना देता है।
राहुल ने वैष्णवी के परिवार से संपर्क किया। उसने खुलकर बात की और कहा कि जब उसकी पत्नी अब उसके साथ नहीं रहना चाहती, तो वह जबरदस्ती कोई रिश्ता नहीं निभाना चाहता। इसके बाद, राहुल ने खुद तय किया कि वह वैष्णवी की शादी मनोज से कराएगा।
फर्रुखाबाद के तहसील परिसर में बाकायदा कानूनी रूप से शादी करवाई गई, जिसमें वैष्णवी की मां भी मौजूद रहीं। राहुल ने खुद दोनों के रिश्ते को मंजूरी दी और उन्हें एक नई शुरुआत के लिए शुभकामनाएं दीं।
शादी के बाद खुशी-खुशी ससुराल चली गई वैष्णवी
शादी के बाद वैष्णवी ने अपने नए पति मनोज का हाथ थामा और खुशी-खुशी अपने नए ससुराल चली गई। कोई आंसू नहीं, कोई पछतावा नहीं – बस एक नई शुरुआत की उम्मीद और साथ में एक बड़ा सामाजिक संदेश भी।
समाज के लिए एक मिसाल या सवाल?
इस घटना के दो पहलू हैं। एक ओर जहां राहुल के फैसले को लोग समझदारी और खुले सोच की मिसाल मान रहे हैं, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यह परंपरा और रिश्तों की मर्यादा के खिलाफ है।
लेकिन अगर हम थोड़ा गहराई से सोचें, तो इस पूरी घटना से हमें एक बहुत बड़ा सबक मिलता है – रिश्ते जबरदस्ती नहीं निभाए जा सकते। अगर किसी भी रिश्ते में प्यार, सम्मान और साथ नहीं है, तो उसे निभाना सिर्फ मानसिक और भावनात्मक तकलीफ ही देता है।
राहुल ने जिस तरह से हालात को समझा और अहंकार के बिना एक सकारात्मक फैसला लिया, वह आज के समाज में बेहद दुर्लभ है।
क्या आप कर सकते थे ऐसा फैसला?
अब जरा सोचिए – अगर आप राहुल की जगह होते तो क्या आप भी ऐसा ही फैसला ले पाते?
ये सवाल आसान नहीं है। रिश्तों में ईगो, समाज का डर, अपनों की बातों का असर – ये सब कुछ होता है। लेकिन राहुल ने समाज की सोच को किनारे रखकर वैष्णवी की खुशी को तवज्जो दी और अपने आत्म-सम्मान को भी बचाए रखा।
एक अनोखी लेकिन सच्ची कहानी
फर्रुखाबाद की यह कहानी कोई फिल्मी स्क्रिप्ट नहीं है, बल्कि एक सच्ची घटना है, जो हमें ये सिखाती है कि ज़िंदगी में कुछ फैसले भले ही कठिन लगें, लेकिन वही आगे चलकर बड़ी राहत दे सकते हैं।
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