Chhibramau 21-April-2025: उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के छिबरामऊ कस्बे में रहने वाला 27 साल का राहुल त्रिपाठी आज सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक चेतावनी बन चुका है उन युवाओं के लिए जो बिना सोचे-समझे शेयर बाजार में कदम रख देते हैं। राहुल ने पिछले सात महीनों में ऑप्शन ट्रेडिंग के जरिए कुल 19 लाख रुपये गँवा दिए (Rahul tripathi Chhibramau Share market loss)। शुरुआत में उसे कुछ मुनाफा जरूर हुआ, लेकिन धीरे-धीरे यह मुनाफा घाटे में बदल गया और अंत में कहानी पहुँची दिवालियापन तक।
चलिए इस कहानी को एक-एक परत खोलते हैं, ताकि यह सिर्फ एक खबर न रहे बल्कि एक सीख भी बन सके।

कैसे शुरू हुआ राहुल का ट्रेडिंग का सफर?
राहुल त्रिपाठी एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता है। एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था और साथ में यूट्यूब पर शेयर बाजार से जुड़ी वीडियो देखकर उसे ट्रेडिंग की दुनिया बड़ी दिलचस्प लगी। उसने सोचा कि नौकरी से ज्यादा पैसे तो शेयर बाजार से कमाए जा सकते हैं। उसने छोटे अमाउंट से शुरुआत की — ₹10,000 से। कुछ शुरुआती ट्रेड में उसे ₹2,000-₹3,000 का मुनाफा हुआ। ये छोटे-छोटे फायदे उसे बड़े सपने दिखाने लगे।
फिर उसने ऑप्शन ट्रेडिंग में हाथ आजमाना शुरू किया, क्योंकि यूट्यूब पर देखा था कि इसमें जल्दी बड़ा मुनाफा हो सकता है। लेकिन वह नहीं जानता था कि यही ऑप्शन ट्रेडिंग उसकी जिंदगी को उलट कर रख देगी।
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ऑप्शन ट्रेडिंग: मुनाफे का सपना या बर्बादी की राह?
ऑप्शन ट्रेडिंग एक तरह की हाई रिस्क ट्रेडिंग होती है। इसमें अगर सही भविष्यवाणी हो जाए तो मुनाफा बहुत होता है, लेकिन अगर एक बार चूक हो जाए, तो पूरा पैसा डूब सकता है।
राहुल को जब शुरुआत में कुछ फायदे हुए, तो उसका आत्मविश्वास बढ़ गया। फिर उसने ₹50,000 लगाए, और एक हफ्ते में 30% घाटा हो गया। लेकिन उसने हार नहीं मानी। उल्टा, उसने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से ₹1 लाख उधार लिए और फिर से ट्रेडिंग की। इस बार भी घाटा हुआ। अब तो राहुल को यह लगने लगा कि शायद अगली बार किस्मत पलट जाएगी।
पर किस्मत नहीं पलटी, डूबता चला गया राहुल
जैसे-जैसे घाटा बढ़ता गया, राहुल के कदम भी और गहरे दलदल में फंसते चले गए। उसने कुल मिलाकर 7 महीनों में अलग-अलग समय पर कुल 19 लाख रुपये इन्वेस्ट किए — जिसमें उसका खुद का पैसा, पर्सनल सेविंग और दोस्तों-रिश्तेदारों से लिया गया उधार भी शामिल था।
हर महीने का औसतन नुकसान ₹2-3 लाख तक पहुँच गया। कभी-कभी ₹20,000 का मुनाफा होता था, लेकिन अगले ही ट्रेड में ₹50,000 से ₹1 लाख तक का नुकसान भी हो जाता।
“मैं बर्बाद हो गया हूँ” – राहुल की टूटी आवाज़
राहुल अब मानसिक तनाव में है। अपने दोस्तों से नजरें चुराने लगा है। जिन रिश्तेदारों से उसने उधार लिए थे, अब उनसे बात करने में भी उसे शर्म आती है। कई बार उसने खुद से सवाल किया, “मैंने ये सब क्यों किया?”
उसने कहा,
“शुरुआत में मुझे लगा था कि मैं शेयर बाजार से जल्दी अमीर बन जाऊँगा। यूट्यूब पर लोग बताते थे कि ऑप्शन ट्रेडिंग से हर महीने लाखों कमा सकते हैं। लेकिन अब जब 19 लाख का नुकसान हो चुका है, तब समझ में आया कि वो सिर्फ दिखावा था। मैं पूरी तरह से बर्बाद हो गया हूँ।”
क्या कहती है एक्सपर्ट की राय?
शेयर बाजार के विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में बहुत से युवा बिना उचित जानकारी के ट्रेडिंग की दुनिया में कदम रख देते हैं, और जल्दी पैसे कमाने की चाह में सब कुछ गँवा बैठते हैं।
फाइनेंशियल एक्सपर्ट ऋचा अग्रवाल कहती हैं:
“ऑप्शन ट्रेडिंग एक प्रोफेशनल गेम है। बिना रिस्क मैनेजमेंट, बिना टेक्निकल नॉलेज के इसमें घुसना आत्मघाती है। राहुल जैसे केस भारत में बहुत आम हैं, लेकिन सामने कम आते हैं।”
राहुल की गलती कहाँ थी?
राहुल की सबसे बड़ी गलती थी:
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बिना सही जानकारी के ट्रेडिंग शुरू करना
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यूट्यूब और सोशल मीडिया से गाइडेंस लेना
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ऑप्शन ट्रेडिंग जैसे हाई रिस्क सेक्टर में पैसा लगाना
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लगातार घाटे के बाद भी ट्रेडिंग न छोड़ना
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उधार लेकर निवेश करना
इस घटना से हम क्या सीख सकते हैं?
राहुल की कहानी सिर्फ एक युवक की नहीं है, बल्कि उन लाखों युवाओं की है जो इंटरनेट से प्रभावित होकर शेयर बाजार को लॉटरी की तरह देखते हैं।
इससे हमें कुछ अहम सबक मिलते हैं:
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शेयर बाजार में निवेश करने से पहले खुद को शिक्षित करें।
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कभी भी उधार लेकर ट्रेडिंग न करें।
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ऑप्शन ट्रेडिंग प्रोफेशनल्स के लिए होती है, नए लोगों के लिए नहीं।
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शॉर्टकट से अमीर बनने की कोशिश हमेशा नुकसानदेह होती है।
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मनोवैज्ञानिक तौर पर मजबूत बने रहें, और अगर घाटा हो रहा है तो समय रहते रुक जाना सीखें।
अब क्या कर रहा है राहुल?
अभी राहुल ने ट्रेडिंग पूरी तरह से बंद कर दी है। वह एक जॉब ढूंढ रहा है ताकि कम से कम उन लोगों का उधार चुका सके जिनसे उसने पैसे लिए थे। मानसिक रूप से वह अभी भी काफी परेशान है, लेकिन धीरे-धीरे संभलने की कोशिश कर रहा है।
उसका कहना है,
“अगर मेरी ये कहानी किसी और को रोक सके इस रास्ते पर चलने से, तो शायद मेरी ये हार भी किसी के लिए जीत बन जाए।”
सोच-समझकर उठाएं हर कदम
राहुल की कहानी हमें यही सिखाती है कि बिना जानकारी, बिना रिसर्च और बिना प्लानिंग के किसी भी फाइनेंशियल रास्ते पर चलना, एक खतरनाक जुआ हो सकता है। खासकर शेयर बाजार जैसी जगह पर, जहाँ लालच इंसान को अंधा बना देता है।
अगर आप या आपका कोई परिचित शेयर बाजार में निवेश करने की सोच रहा है, तो सबसे पहले खुद को शिक्षित करें, धैर्य रखें और सुरक्षित तरीके से शुरुआत करें। वरना आप भी किसी राहुल त्रिपाठी की तरह अखबार की सुर्खियों में आ सकते हैं — लेकिन एक चेतावनी के रूप में।अगर आपको ये कहानी जानकारीपूर्ण और चेतावनी देने वाली लगी हो, तो इसे जरूर शेयर करें। हो सकता है इससे किसी और की ज़िंदगी बच जाए।
आपका क्या कहना है राहुल की इस कहानी पर? क्या आपने या आपके जानने वाले ने भी कुछ ऐसा अनुभव किया है? नीचे कमेंट में जरूर बताएँ।