पोस्टमार्टम भी नहीं सुलझा सका लाडो की मौत का रहस्य

छिबरामऊ 21 May 2025, उत्तर प्रदेश
Writer- Ramprakash Chaturvedi
Krishna hospital me ladki ki maut Chhibramau mein
Ruchi gupta chhibramau Krishna hospital postmortem

कभी-कभी जिंदगी इतनी नाजुक हो जाती है कि एक मामूली सी गलती, एक छोटी सी लापरवाही किसी की पूरी दुनिया उजाड़ देती है। ऐसा ही कुछ हुआ छिबरामऊ के एक प्रतिष्ठित व्यापारी की 15 वर्षीय बेटी लाडो उर्फ रुचि गुप्ता के साथ। एक साधारण से बुखार के इलाज के लिए अस्पताल गई यह मासूम बच्ची अब इस दुनिया में नहीं रही (Ruchi gupta chhibramau Krishna hospital postmortem)।

और हैरानी की बात तो यह है कि पोस्टमार्टम के बाद भी उसकी मौत की वजह सामने नहीं आ पाई

जब बुखार बना मातम की वजह

लाडो को हल्का बुखार आया था – वो बुखार जो हर घर में कभी न कभी आता है, जिससे मां-बाप खुद ही घरेलू उपायों से निपट लेते हैं। लेकिन इस बार मामला थोड़ा गंभीर लगा, इसलिए परिवार ने कोई जोखिम न लेते हुए लाडो को छिबरामऊ के श्री कृष्णा हॉस्पिटल में भर्ती कराया।

ये वही अस्पताल है जो इलाके में इलाज के लिए जाना जाता है। लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था…

अस्पताल में जो हुआ, वो किसी डरावने सपने से कम नहीं

परिजनों के मुताबिक, लाडो को जब अस्पताल में इंजेक्शन दिया गया तो उसकी हालत तुरंत बिगड़ने लगी। मां-बाप और रिश्तेदार चीख-चीखकर डॉक्टरों से कहते रहे कि बच्ची की हालत बिगड़ रही है, कुछ करो।

लेकिन डॉक्टरों की ओर से कोई त्वरित कदम नहीं उठाया गया।

लाडो छटपटाती रही, और देखते ही देखते उसकी सांसें थम गईं।

जरुरी खबर :  नगर पालिका की नालियों की सफाई पर उठे सवाल

कौन सोच सकता है कि एक मामूली बुखार के इलाज के लिए गई बच्ची की मौत हो जाएगी? और वो भी अस्पताल में?

जब सवाल उठे अस्पताल पर

लाडो की मौत के बाद छिबरामऊ नगर में आक्रोश फैल गया। लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए – क्या इंजेक्शन गलत था? क्या दवा एक्सपायर्ड थी? या फिर डॉक्टर की लापरवाही ने ये हादसा करवाया?

राजेश गुप्ता उर्फ कुकू भैया, जो छिबरामऊ के बुद्धू कूंचा मोहल्ले में रहते हैं, उनकी आंखों के सामने उनकी लाडो ने दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे जिले में हलचल मचा दी।

पोस्टमार्टम भी नहीं दे पाया जवाब

इस मामले में कानूनी प्रक्रिया के तहत लाडो के शव को कन्नौज में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। पर यहां भी मौत की वजह साफ नहीं हो सकी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया।

सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों ने उसका विसरा सुरक्षित कर लिया है और इंजेक्शन लगने वाली जगह की स्किन का सैंपल फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। अब सभी की नजरें उस रिपोर्ट पर टिकी हैं जो यह बताएगी कि आखिर लाडो की मौत की असली वजह क्या थी।

क्या यही है हमारे सिस्टम की सच्चाई?

जब एक प्रतिष्ठित व्यापारी की बेटी के साथ ऐसा हो सकता है, तो आप सोच सकते हैं कि आम लोगों के साथ क्या होता होगा। ये कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी देश में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जहां अस्पतालों की लापरवाही ने मासूमों की जान ली है।

उदाहरण के तौर पर:

  • गोरखपुर, 2017: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी। बाद में सामने आया कि ऑक्सीजन सप्लायर को भुगतान नहीं किया गया था।

  • कानपुर, 2022: एक प्राइवेट अस्पताल में गलत दवा देने से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत के बावजूद डॉक्टरों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई।

जरुरी खबर :  छिबरामऊ के पश्चिमी बाईपास के सामने 200 मीटर तक रौंधता रहा ट्रक, मौत

स्वास्थ्य विभाग पर उठ रहे सवाल

लाडो की मौत ने स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।

  • आखिर क्यों अस्पताल को तुरंत सील नहीं किया गया?

  • क्यों डॉक्टरों से अब तक सख्ती से पूछताछ नहीं की गई?

  • क्यों इस केस को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा?

लाडो सिर्फ एक बच्ची नहीं थी, वो किसी की पूरी दुनिया थी

हर मां-बाप के लिए उनकी बेटी सिर्फ एक बच्ची नहीं होती, वो उनके सपनों, उनकी उम्मीदों और उनके जीने की वजह होती है।
लाडो भी अपने परिवार के लिए सब कुछ थी। उसकी मुस्कान, उसकी बातें, उसकी मासूमियत – सब कुछ अब एक याद बनकर रह गई है।

अब सवाल यह है कि क्या इस मौत को यूं ही भुला दिया जाएगा?
क्या सिर्फ जांच की रिपोर्ट आने तक इंतजार करना ही पर्याप्त है?

अब आगे क्या?

विसरा रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच का इंतजार है।
यही रिपोर्ट बताएगी कि क्या सच में इंजेक्शन में कोई दिक्कत थी, या किसी और कारण से लाडो की मौत हुई।

पर जो भी हो, अब वो मासूम बच्ची लौट कर नहीं आएगी।

अंत में सवाल यही है – क्या इंसाफ मिलेगा?

हर दिन देश में सैकड़ों मरीज अस्पताल जाते हैं – इलाज की उम्मीद लेकर।
पर जब इलाज ही मौत की वजह बन जाए, तो भरोसा टूटता है।

लाडो की मौत के बाद अब सिर्फ एक सवाल रह गया है –
क्या दोषियों को सजा मिलेगी?
क्या इस सिस्टम में बदलाव आएगा?
या फिर एक और मासूम की मौत सिर्फ एक केस नंबर बनकर फाइलों में दब जाएगी? आपका क्या कहना है? क्या लाडो को न्याय मिलना चाहिए?

जरुरी खबर :  नगर में चला जबरदस्त ‘होर्डिंग हटाओ अभियान’, 130 से ज्यादा होर्डिंग्स हटे
छिबरामऊ की अन्य खबरें

नगला समद में शिखा ने जहर खाकर दी जान

हंगामे के बाद छिबरामऊ कोतवाली प्रभारी समेत दो निरीक्षक हटाए

कृष्णा हॉस्पिटल का संचालक वैभव दुबे हुआ गिरफ्तार

कोतवाली छिबरामऊ में पुलिस ने भांजी लाठी, कई घायल

सोशल मीडिया पर भड़के लोग बोले - अब अस्पताल नहीं, मौत का घर बन चुके हैं ये प्राइवेट क्लिनिक

छिबरामऊ की लाडो: Krishna अस्पताल की लापरवाही से एक मासूम की मौत

छिबरामऊ के सरकारी अस्पताल में आंख के इलाज के लिए मांगी गई रिश्वत

ATM में तीन युवकों ने पिन देखा, कार्ड बदला और 80 हजार उड़ाए

छिबरामऊ में सफाई कर्मचारी की पिटाई का मामला गरमाया

Parshuram Jayanti Chhibramau 2025

नगर पालिका की नालियों की सफाई पर उठे सवाल

छिबरामऊ के ई-रिक्शा चालकों में मचा हड़कंप

यूपी बोर्ड परीक्षा में रिया शर्मा ने किया कमाल

तीन महीने से बिजली बिल नहीं चुकाया और फिर...

छिबरामऊ विधायक अर्चना पांडे ने पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों को दी भावभीनी श्रद्धांजलि

तालग्राम तिराहे पर भारी टक्कर से टूट गए पोस्टर

छिबरामऊ के प्राइवेट स्कूलों ने बदले समय सुबह 7 बजे शुरू होंगी कक्षाएं

नगर में चला जबरदस्त ‘होर्डिंग हटाओ अभियान’, 130 से ज्यादा होर्डिंग्स हटे

छिबरामऊ के राहुल ने 7 महीनों में गंवाए 19 लाख रुपये

फर्रुखाबाद: पति ने कराई पत्नी की शादी उसके प्रेमी से