छिबरामऊ (कन्नौज), उत्तर प्रदेश 13-May-2025:
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के छिबरामऊ में स्थित सौ सैया सरकारी अस्पताल एक बार फिर से सवालों के घेरे में है (Sausaiya hospital chhibramau riswat kand)। ताज़ा मामला अस्पताल में आंख के इलाज के बदले रिश्वत मांगने का है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
छिबरामऊ के सरकारी अस्पताल में आंख के इलाज के लिए मांगी गई रिश्वत ka video link

Source: Bhaskar
कर्मचारी रविंद्र सिंह पर रिश्वत मांगने का आरोप
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अस्पताल का एक कर्मचारी, जिसकी पहचान रविंद्र सिंह के रूप में हुई है, आंख के ऑपरेशन या इलाज के बदले मरीज से ₹5000 की रिश्वत मांग रहा है। यह वीडियो कथित तौर पर किसी मरीज या उसके परिजन द्वारा रिकॉर्ड किया गया है और अब यह सोशल मीडिया से लेकर मीडिया चैनलों तक चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी
घटना के सामने आने के बाद अब तक अस्पताल प्रशासन या स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। न ही आरोपी कर्मचारी के खिलाफ किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई की सूचना सामने आई है। इससे लोगों में नाराज़गी और अविश्वास की भावना बढ़ती जा रही है।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
यह कोई पहला मौका नहीं है जब छिबरामऊ के सरकारी अस्पताल (Sausaiya hospital chhibramau riswat kand) में इस तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी अस्पताल में इलाज के लिए पैसे लेने या मरीजों के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें मिलती रही हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश
इस वीडियो के वायरल होने के बाद छिबरामऊ और आसपास के क्षेत्रों में लोगों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि जब सरकारी अस्पतालों में भी इलाज मुफ्त नहीं मिल पा रहा और भ्रष्टाचार खुलेआम हो रहा है, तो आम जनता कहां जाए?
स्वास्थ्य विभाग से कार्रवाई की मांग
स्थानीय समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की जांच की जाए और दोषी कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई गरीब मरीज भ्रष्टाचार का शिकार न बने।
सरकारी अस्पतालों का उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों को नि:शुल्क या कम दरों पर इलाज मुहैया कराना है। लेकिन जब वहां भी भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी पैर पसार ले, तो यह व्यवस्था पर एक गहरा धब्बा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि संबंधित अधिकारी इस गंभीर मामले का संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाएंगे।